आज से अरबों साल बाद हमारी धरती कैसी दिखाई देगी : यह धरती न जाने कितने ही अरबों वर्षों से चली आ रही है… इस पर जीवन पर पनपने के लिए आवश्यक सभी तत्व होने से, न जाने कितने ही समय से इस पर जीवन पनप रहा है और आगे भी पनपता रहेगा…लेकिन पहले और आज के समय में इस धरती पर काफी बदलाव आ गए हैं।
यदि आज से अरबों साल पहले की बात करें तो धरती के स्वरूप में काफी बदलाव आ गया है। बदलाव प्रकृति का नियम है और यह आगे भी निरंतर इसी तरह चलता रहेगा। अतीत में घटी कई घटनाओं की जानकारी हमें प्रकृति के गर्भ में छिपे सबूतों से मिली है। समुद्र पहाड़ और नदियों की खाक छानकर हमें मालूम हुआ कि समय-समय पर धरती ने अपना स्वरूप किस तरह बदला।
धरती के साढ़े चार अरब साल के जीवन काल का सही-सही अंदाज़ा हमने वैज्ञानिक डेटा की मदद से लगाया। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि धरती किस तरह अपने स्वरूप को बदल रही है बीते समय में धरती के बदलावों को देखकर वैज्ञानिकों ने भविष्य के धरती के स्वरूप को जान लिया है। इसे जानकर हम भी बहुत हैरान है।
आइए चलते हैं भविष्य में और देखते हैं कि अब से लगभग एक अरब साल बाद हमारी धरती का स्वरूप कैसा होगा…
How Earth Will Look Like 1 Billion Years
भविष्य में अब से लगभग एक अरब साल बाद हमारी धरती का स्वरूप कैसा होगा…
यह धरती अब पहले जैसी नहीं रही। यह पूरी तरह बदल चुकी है। इतनी! कि अब इस पर सांस लेना भी मुश्किल हो गया है, क्योंकि सास लेने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन अब खत्म हो चुकी है। अतीत में हुए कृत्रिम बदलावों ने प्राकृतिक गैस का नाश कर दिया है, गर्म और विषैली गैसों के कारण धरती का तापमान भी अब 70 से 80 डिग्री तक बढ़ गया है।
अब यहां जीवन संभव नहीं है चारों तरफ सिर्फ और सिर्फ बंजर ज़मीन है। धरती के तापमान को कम करने वाले पेड़ भी अब जलकर राख हो चुके हैं। चारों तरफ सिर्फ बंजर ज़मीन और उस पर पड़ी दरारें नजर आ रही हैं। अब धरती पर दिन भी बड़े हो गए हैं; अब वे 24 घंटे के नहीं रहे बल्कि बढ़कर 29 घंटे के हो गए हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वक्त के साथ-साथ धरती के घूमने की रफ्तार में अब काफी कमी आ गई है।
जिससे अब धरती पर दिन की अवधि बढ़ चुकी है। धरती को अंतरिक्ष से देखने पर अब वह हरी और नीली दिखाई नहीं दे रही, अब वह सिर्फ लाल और बुरी दिखाई दे रही है… क्योंकि अब वहां कोई हरियाली या समुद्र नहीं रहे। अब है; तो सिर्फ सूखी मिट्टी और बंजर ज़मीन।
सूर्य का तापमान बढ़ने और सूर्य के अधिक चमकने से यह बदलाव आया है। तापमान 80 से 100 डिग्री सेल्सियस होने से यहां का सारा पानी सूख गया है। अतीत में हरी भरी रही यह धरती अब एक सूखा और बंजर ग्रह बनकर रह गई है। धरती पर मौजूद सभी महाद्वीप अभी भी नज़र आ रहे हैं लेकिन वक्त के साथ टेक्टोनिक प्लेट्स खिसकने से इनके आकार में बदलाव आ गया है। अब यह पहले जैसे नहीं रहे।
हालांकि अब टेक्टोनिक प्लेट्स ने भी खिसकना बंद कर दिया है, जिससे यह महाद्वीप एक जगह स्थिर हो गए हैं। यह धरती जो बिल्कुल अजनबी सी लगती है पहले कभी हमारा घर हुआ करती थी। अब यदि हम इस धरती पर आए तो ऐसा लगेगा जैसे यहां का वातावरण और दबाव हमारे लिए अनुकूल नहीं है। धरती पर जीवन पनपने की संभावना लगभग खत्म हो चुकी है।
आसमान भी अब नीला नहीं बल्कि भूरे रंग का दिखाई पड़ता है। पानी के भाप बनकर ऊपर जाने से अब यहां की ऊपरी सतह पर काफी नमी मौजूद है। अब धरती पर बेजान ज़मीन और पत्थरों के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता। समय के साथ-साथ चंद्रमा धरती से काफी दूर हो गया है, जिस वजह से काफी छोटा दिखाई पड़ रहा है।
जिस धरती को हम जानते थे उसके निशान अब वक्त की रेत में दफन हो चुके हैं। हमारी सभ्यता का कोई निशान अब यहां नहीं दिख रहा। मानव जाति के आविष्कार, युद्ध और अनुभव! मानो जैसे इनका कोई मतलब ही नहीं रहा क्योंकि इस एक अरब साल में ऐसी कई सभ्यताएं यहां विकसित होकर नष्ट हो चुकी है, जिनके किसी के भी कोई निशान अब नजर नहीं आ रहे।
धरती के स्वरूप को देखकर यकीन ही नहीं होता कि यह कभी हमारा घर हुआ करती थी। उस वक्त हम इंसान कहां होंगे यह कहा नहीं जा सकता… या तो हम सौरमंडल के किसी अन्य ग्रह पर होंगे जो जीवन पनपने की दृष्टि से उत्तम हो या फिर हम इंसान खत्म हो चुके होंगे। ( How Earth Will Look Like 1 Billion Years )
हम इंसान उस वक्त तक हो ना हो लेकिन जीवन किसी न किसी रूप में फिर से इस सौरमंडल में सांसे जरूर ले रहा होगा।
आइए चलते हैं भविष्य में और देखते हैं कि अब से लगभग एक अरब साल बाद हमारी धरती का स्वरूप कैसा होगा…
एक अरब साल बाद धरती का एक दिन !
यह धरती अब पहले जैसी नहीं रही। यह पूरी तरह बदल चुकी है। इतनी! कि अब इस पर सांस लेना भी मुश्किल हो गया है, क्योंकि सास लेने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन अब खत्म हो चुकी है। अतीत में हुए कृत्रिम बदलावों ने इस प्राकृतिक गैस का नाश कर दिया है, गर्म और विषैली गैसों के कारण धरती का तापमान भी अब 70 से 80 डिग्री तक बढ़ गया है। ( How Earth Will Look Like 1 Billion Years )
अब यहां जीवन संभव नहीं है चारों तरफ सिर्फ और सिर्फ बंजर जमीन है। धरती के तापमान को कम करने वाले पेड़ भी अब जलकर राख हो चुके हैं। चारों तरफ सिर्फ बंजर ज़मीन और उस पर पड़ी दरारें नजर आ रही हैं। अब धरती पर दिन भी बड़े हो गए हैं; अब वे 24 घंटे के नहीं रहे बल्कि बढ़कर 29 घंटे के हो गए हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वक्त के साथ-साथ धरती के घूमने की रफ्तार में अब काफी कमी आ गई है।
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